Nag Mandir Jathere Pathania
Published on 18-Nov-2019
नाग मंदिर जठेरे पठानियां में 16वां सम्मेलन
नूरपुर के नागाबाड़ी में स्थित नाग मंदिर जठेरे पठानियां में 16वां सम्मलेन रविवार (17 नवम्बर 2019) को मनाया गया । अपने कुल देवी देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए सुबह से ही मंदिर में लोगों का आना शुरू हो गया था | देवी देवताओं की पूजा अर्चना, सत्संग, हवन के बाद एक भव्य भंडारे का आयोजन भी किया गया । समस्त भारतवर्ष के पठानियां परिवार व आस्था रखने वालों ये सम्मलेन वर्ष में दो बार मनाया जाता है । नाग मंदिर कमेटी के प्रधान कर्नल रवि पठानियां जी के द्वारा कमेटी के पूर्व प्रधान श्री नीलम पठानियां जी को सम्मानित किया गया
और कर्नल रवि पठानियां जी ने बताया कि अगला सम्मलेन 17 मई 2020 को होगा और इस मौके पर मंदिर कमेटी की ओर से नाग मंदिर जठेरे पठानियां की आधिकारिक वेबसाइट pathaniajathere.com भी लॉन्च की गई । इस वेबसाइट के माध्यम से समस्त भारतवर्ष के पठानियां परिवार व आस्था रखने वाले भक्तजन मंदिर में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी व अन्य प्रकार की कोई सूचना आसानी से प्राप्त कर पाएंगे |
Nag Mandir Jathere Pathania
Published on 06-Oct-2019
Official website of Nag Mandir Jathere Pathania
आपको यह जानकर बहुत प्रसंता होगी कि नाग मंदिर जठेरे पठानियां की आधिकारिक वेबसाइट बन कर तैयार हो गई है, और ये बहुत ही जल्द लॉन्च कर दी जाएगी |
इस वेबसाइट के माध्यम से समस्त भारतवर्ष के पठानियां परिवार व आस्था रखने वाले भक्तजन मंदिर में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी व अन्य प्रकार की कोई सूचना आसानी से प्राप्त कर पाएंगे |
भक्तजन अपना ऑनलाइन पंजीकरण भी करवा पाएंगे |
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Nag Mandir Jathere Pathania
Published on 22-Sep-2019
Wazir Ram Singh Pathania
Ram Singh Pathania was born on 10 April 1824 at the residence of Shyam Singh, a minister of the state of Nurpur . His father was the minister of Raja Veer Singh in the state of Nurpur.Due to the British-Sikh Convention in 1846, most of the princely states of Himachal Pradesh were under the British Empire. At the same time, King Veer Singh died. At that time his son Javsant Singh was the successor of the throne. The British took all the rights of Jaswant Singh in five thousand Rupees and declared his union to be included in the principality, which was not approved by Veer Singh Pathania.
He joined forces with the Katoch Rajputs and made a call against the British. The British parted with this aggression and Ram Singh waved his flag. Being happy with this, Jaswant Singh appointed Ram Singh as his minister while appointing himself a king. After this, he planned to uproot all the British from Himachal and got the victory.
The British also knew that they could not arrest or kill Ram Singh easily. In this way, he made a conspiracy and when Ram Singh was reciting the worship, he was arrested and sentenced to life imprisonment and sent to Kalapani . After that they were sent to Rangoon and they were tortured very badly. Veergati was received on November 11, 1849 at the age of 24 only.
To Know more about Wazir Ram Singh Pathania click here
Divya Himachal
Published on 20-Nov-2017
दुल्हन की तरह सजा नाग मंदिर जठेरे पठानिया
नाग मंदिर जठेरे पठानिया नागबाड़ी में 12वां सम्मेलन रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सुबह से ही पठानिया परिवारों का मंदिर में आना शुरू हो गया और इन परिवारों ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर माथा टेका। इस मंदिर में पठानिया सम्मेलन के दौरान यज्ञ हुआ व बाद में एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस पठानिया सम्मेलन में नूरपुर क्षेत्र के अलावा प्रदेश के विभिन्न जिलों सहित पंजाब व जम्मू कश्मीर राज्यों से पठानिया परिवारों ने हिस्सा लिया। इससे मंदिर परिसर में पठानिया परिवारों के लोगों की खूब भीड़ रही। इस अवसर पर मंदिर परिसर को खूब सजाया गया था , जिससे मंदिर दिव्य की खूबसूरती में निखार आ गया। इस दौरान मंदिर प्रबंधन कमेटी द्वारा बेहतर व्यवस्था की गई थी, जिसमें मंदिर में आने-जाने की अच्छी व्यवस्था थी। सफाई का बेहतर ख्याल रखा गया था और सड़क पर ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त रखा गया था।
गौरवमय पठानिया इतिहास……
पठानिया परिवार का इतिहास गौरवमय रहा है और समाज के कल्याण व उत्थान में पठानिया परिवारों का उल्लेखनीय योगदान रहा है। वजीर राम सिंह पठानिया ने अपनी मातृ भूमि की रक्षा व स्वतंत्रा के लिए अपना बलिदान दिया । पठानिया वर्ग का प्रदेश की राजनीति में भी गहरा योगदान रहा है। केवल सिंह पठानिया, सुजान सिंह पठानिया, राकेश पठानिया व कुलदीप पठानिया आदि का प्रदेश की राजनीति तथा तरक्की में बेहतर योगदान रहा है। इस अवसर पर राजेश्वर पठानिया, सुरजीत सिंह पठानिया, बलवंत सिंह पठानिया, मुरारी सिंह, पठानिया, जगदीप सिंह पठानिया व रवि पठानिया सहित पठानिया परिवारों के कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
Courtesy : DivyaHimachal.com
Jagran
Published on 21-Dec-2014
पठानिया राजवंश का इतिहास गौरवमय
नाग मंदिर जठेरे पठानिया कमेटी नागावाड़ी की ओर से रविवार को समारोह का आयोजन किया और इसमें मुख्य अतिथि के रूप में कृषि एवं ऊर्जा मंत्री सुजान सिंह पठानिया ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया ने की।
इस मौके पर सुजान सिंह पठानिया ने प्रख्यात लेखक बीआर कपूर की ओर से लिखित पुस्तक पठानिया राजवंश का इतिहास का विमोचन किया। सुजान सिंह पठानिया ने कहा कि पठानिया राजवंश का इतिहास गौरवमय व कुर्बानियों से भरा रहा है। पठानिया राजवंश ने हमेशा से इतिहास व संस्कृति की रक्षा की है। समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान में पठानिया राजवंश का प्रमुख योगदान रहा है। पठानिया राजवंश के प्रयास से समाज को एक सूत्र में पिरोया गया है। उन्होंने पठानिया राजवंश के इतिहास पर पुस्तक प्रकाशित करने के लिए बीआर कपूर का विशेष रूप से आभार जताया। बीआर कपूर इससे पूर्व पठानकोट का इतिहास नामक पुस्तक भी लिख चुके है। इस मौके पर केवल सिंह पठानिया ने कहा कि पठानिया राजवंश ने सभी धर्मो की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के शीतकालीन प्रवास के दौरान नाग मंदिर जठेरे पठानिया कमेटी की मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा व उन्हे पूरा करवाया जाएगा। बीआर कपूर ने इस अवसर पर अमर शहीद वजीर राम सिंह पठानिया के जीवन बारे विस्तार से बताया। कमेटी के प्रधान नीलम पठानिया ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर नूरपुर रियासत के वंशज राजा दुर्गेश्वर सिंह, वजीर राम सिंह पठानिया के वंशज राजेश्वर पठानिया व मंडी बोर्ड के चेयरमैन राजिंद्र पठानिया सहित अन्य मौजूद रहे।
Courtesy : Jagran.com